अहोई अष्टमी, पूरे उत्तर भारत में हर्ष और भक्ति के साथ मनाया जाने वाला त्यौहार है, जो दिवाली पूजा से लगभग आठ दिन पहले और करवा चौथ के चार दिन बाद आता है। यह विशेष अवसर उन माताओं को समर्पित है जो अपने बच्चों की भलाई और समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं।
अहोई अष्टमी 2024: व्रत और अनुष्ठान
अहोई अष्टमी करवा चौथ के चार दिन बाद मनाई जाती है, जहाँ माताएँ अपने बच्चों की भलाई और खुशी के लिए प्रार्थना करती हैं। करवा चौथ की तरह ही, माताएँ एक कठोर व्रत रखती हैं, जिसमें सूर्योदय से लेकर रात में सितारों या कुछ मामलों में चाँद को देखने तक भोजन और पानी से परहेज़ करती हैं। देवी अहोई अष्टमी भगवती की आरती और पूजा समाप्त करने के बाद दिन भर का व्रत तोड़ा जाता है, जो देवी पार्वती का पुनर्जन्म हैं, जिनकी पूजा उनके बच्चों की रक्षा के लिए की जाती है।
शुरुआत में, यह व्रत बेटों की भलाई के लिए रखा जाता था, लेकिन आजकल यह हर छोटे बच्चे के लिए किया जाता है।
अहोई अष्टमी 2024: तिथि, समय और शुभ मुहूर्त
वर्ष 2024 में अहोई अष्टमी 24 अक्टूबर, गुरुवार को मनाई जाएगी। नीचे इस दिन के लिए महत्वपूर्ण समय दिए गए हैं:
पूजा मुहूर्त: शाम 5:50 बजे से शाम 7:07 बजे तक (1 घंटा 17 मिनट)
तारा दर्शन समय: शाम 6:14 बजे
चंद्रोदय समय: 25 अक्टूबर, 2024 को सुबह 12:02 बजे
अष्टमी तिथि आरंभ: 24 अक्टूबर, 2024 को सुबह 1:18 बजे
अष्टमी तिथि समाप्त: 25 अक्टूबर, 2024 को सुबह 1:58 बजे
माताएँ अपना व्रत आरंभ करने के लिए सुबह जल्दी उठती हैं, भोर से पहले भोजन ग्रहण करती हैं और अपने बच्चों की खुशहाली और खुशहाली के लिए देवी अहोई अष्टमी भगवती से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दिन भर प्रार्थना करती हैं।
अपने बच्चों के लिए प्रार्थना करने और भक्ति और खुशी के साथ अहोई अष्टमी 2024 मनाने के लिए इस शुभ दिन को अपने कैलेंडर में चिह्नित करना सुनिश्चित करें!