India Advocates Global Conservation With ‘Plant4Mother’ Campaign At COP16 In Colombia
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने 29 अक्टूबर 2024 को कैली, कोलंबिया में जैव विविधता पर सम्मेलन के पक्षों के सम्मेलन (सीओपी) की चल रही 16वीं बैठक के उच्च स्तरीय खंड में जैविक संसाधनों के संरक्षण के संबंध में राष्ट्रीय वक्तव्य दिया।
राज्य मंत्री श्री सिंह ने चीन के सबसे लंबे समय तक सीओपी अध्यक्ष रहे श्री हुआंग रनकिउ से सीओपी की अध्यक्षता संभालने पर कोलंबिया की पर्यावरण मंत्री सुश्री सुज़ाना मुहम्मद को बधाई दी।
इस अवसर पर बोलते हुए श्री सिंह ने कहा कि भारत में धरती माता की पूजा करने और प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाने की समृद्ध संस्कृति और परंपरा है। भारत दुनिया के 17 मेगा-विविधता समृद्ध देशों में से एक है, जिसमें वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त 36 जैव विविधता हॉटस्पॉट में से चार हैं। उन्होंने कहा, “हम अपनी माताओं का सम्मान करते हुए धरती माता का सम्मान करते हैं, इसी उद्देश्य से हमारे प्रधानमंत्री ने इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ‘एक पेड़ माँ के नाम’ या ‘प्लांट4मदर’ नामक राष्ट्रव्यापी वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की है, जो हमारी जैव विविधता को पुनर्स्थापित करने और उसकी रक्षा करने के हमारे सामूहिक प्रयासों का परिणाम है।” मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ‘प्रकृति के साथ शांति’ प्राचीन वैदिक युग से ही भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा रही है।
यह थीम भारत के ‘पर्यावरण के लिए जीवनशैली (LiFE)’ मिशन के साथ प्रतिध्वनित होती है, जो पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली अपनाने के लिए भारत के नेतृत्व वाला वैश्विक जन आंदोलन है। श्री सिंह ने बताया कि भारत ने दुनिया की सात प्रमुख बड़ी बिल्लियों की प्रजातियों की रक्षा करने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस (IBCA) की स्थापना करके वैश्विक वन्यजीव संरक्षण में महत्वपूर्ण कदम उठाया है, क्योंकि उनकी उपस्थिति एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र और समृद्ध जैव विविधता का संकेत है। मंत्री ने कहा कि ‘नमामि गंगे’ मिशन के माध्यम से हमारी पवित्र नदी गंगा को पुनर्जीवित करने के भारत के प्रयासों को संयुक्त राष्ट्र द्वारा नदी पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए शीर्ष 10 विश्व पुनरुद्धार फ्लैगशिप में से एक के रूप में मान्यता दी गई है। उन्होंने बताया कि 2014 से भारत के रामसर स्थलों की संख्या 26 से बढ़कर 85 हो गई है और यह संख्या जल्द ही 100 तक पहुंचने वाली है।
श्री सिंह ने दोहराया कि भारत ने राष्ट्रीय जैव विविधता रणनीति और कार्य योजना (एनबीएसएपी) को अद्यतन करते समय ‘संपूर्ण सरकार’ और ‘संपूर्ण समाज’ के दृष्टिकोण को अपनाया है, जिसके लक्ष्यों को कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता रूपरेखा (केएमजीबीएफ) के साथ जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय 30.10.2024 को कैलीफोर्निया में अद्यतन एनबीएसएपी जारी करेगा।
मंत्री ने कहा कि एनबीएसएपी के कार्यान्वयन के लिए केएमजीबीएफ के लक्ष्य 19 के साथ-साथ डीएसआई से निर्धारित वित्तीय संसाधनों सहित कार्यान्वयन के साधन उपलब्ध कराना आवश्यक है। कार्यान्वयन के आसानी से सुलभ साधन प्रदान करने के लिए बहुत कुछ किया जाना बाकी है, जैसे कि अपेक्षित गति, दायरा और पैमाने के साथ वित्तीय संसाधन, प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण की जरूरतें।
श्री सिंह ने अपने भाषण के समापन में ‘वसुधैव कुटुंबकम – एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की सच्ची भावना के अनुरूप वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए अपनी और वैश्विक जैव विविधता की रक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।