नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट के इतिहास में यदि किसी कप्तान को ‘शांत रणनीतिकार’ के रूप में जाना जाता है, तो वह हैं महेंद्र सिंह धोनी। उनकी कप्तानी में भारत ने टी20 वर्ल्ड कप (2007), वनडे वर्ल्ड कप (2011) और चैंपियंस ट्रॉफी (2013) का खिताब जीता। लेकिन हाल ही में एक पॉडकास्ट में धोनी द्वारा दिए गए जवाब ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है।
एमएस धोनी का पॉडकास्ट हुआ वायरल
धोनी पहली बार किसी पॉडकास्ट शो में नज़र आए। इस बातचीत में उनसे कई दिलचस्प सवाल पूछे गए। लेकिन जिस सवाल ने सबका ध्यान खींचा, वो था: “आप किस खिलाड़ी के साथ अपनी पीढ़ी में या किसी और दौर के खिलाड़ी के साथ खेलना पसंद करते?”
धोनी ने जो तीन नाम लिए, वे सभी दिग्गज हैं, लेकिन विराट कोहली का नाम ना लेना हर किसी को चौंका गया।
धोनी ने लिए वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली के नाम
अपने जवाब में धोनी ने कहा कि वह वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली के साथ खेलना पसंद करते। इन तीनों खिलाड़ियों का भारतीय क्रिकेट में योगदान अतुलनीय है:
- वीरेंद्र सहवाग: आक्रामक ओपनिंग बल्लेबाज जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दो तिहरे शतक लगाए।
- सचिन तेंदुलकर: क्रिकेट का भगवान कहा जाने वाला खिलाड़ी, जिन्होंने 100 इंटरनेशनल शतक लगाए।
- सौरव गांगुली: भारतीय टीम के आक्रामक कप्तान, जिन्होंने विदेशी धरती पर टीम को जीतना सिखाया।
इन तीनों खिलाड़ियों की उपस्थिति में खेलना हर खिलाड़ी का सपना रहा है। लेकिन धोनी का विराट कोहली का नाम ना लेना सभी को हैरान कर गया।

विराट कोहली को क्यों नहीं चुना गया?
विराट कोहली, जिनके नाम आज के दौर में सबसे ज्यादा रन हैं, जो टेस्ट, वनडे और टी20 तीनों फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं, उन्हें धोनी ने अपने पसंदीदा खिलाड़ियों की सूची में जगह नहीं दी। यह आश्चर्यजनक है क्योंकि:
- विराट ने धोनी की कप्तानी में ही इंटरनेशनल डेब्यू किया था।
- उन्होंने 2014 से 2022 तक सभी फॉर्मेट में कप्तानी की।
- विराट ने खुद कहा है कि धोनी उनके सबसे भरोसेमंद कप्तानों में से एक रहे हैं।
इस पॉडकास्ट के बाद सोशल मीडिया पर प्रशंसकों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए कि क्या धोनी और कोहली के बीच कोई मनमुटाव है?
आईसीसी ट्रॉफी बनाम व्यक्तिगत रिकॉर्ड
यह समझना ज़रूरी है कि धोनी एक टीम मैन हैं। उनके लिए टीम की सफलता व्यक्तिगत रिकॉर्ड से कहीं ऊपर रही है। शायद यही वजह है कि उन्होंने उन खिलाड़ियों को चुना जिनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने न केवल जमीनी स्तर पर बदलाव देखा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित किया।
विराट कोहली की अगुवाई में टीम इंडिया ने कई सीरीज़ जीतीं, लेकिन आईसीसी ट्रॉफी जीतने में सफल नहीं रहे। हो सकता है धोनी के लिए “महान खिलाड़ी” की परिभाषा में टीम की सफलता भी एक बड़ा फैक्टर हो।
फैंस की प्रतिक्रिया: सोशल मीडिया पर मचा हंगामा
जैसे ही ये पॉडकास्ट वायरल हुआ, सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फैन्स ने अपनी-अपनी राय रखी। कुछ प्रमुख प्रतिक्रियाएं:
- “धोनी का विराट को न चुनना दर्शाता है कि वो अभी भी पुराने दिग्गजों को सर्वोपरि मानते हैं।”
- “विराट ने माही भाई की कप्तानी में खुद को साबित किया, लेकिन शायद माही के लिए अनुभव ज्यादा मायने रखता है।”
- “क्या ये संकेत है कि धोनी और विराट के बीच सब कुछ ठीक नहीं?”
हालांकि कुछ फैन्स ने कहा कि धोनी के द्वारा चुने गए तीनों खिलाड़ी उनकी पसंद हो सकते हैं और इसका मतलब ये नहीं कि वो विराट को महान नहीं मानते।
धोनी की सोच: अनुभव, संतुलन और मैदान पर प्रदर्शन
धोनी अपने शांत स्वभाव और सोच-समझकर लिए गए फैसलों के लिए जाने जाते हैं। वह सिर्फ तकनीकी आंकड़ों से नहीं, बल्कि मैदान पर खिलाड़ी के प्रभाव, टीम के संतुलन में योगदान और मैच जिताने की क्षमता को प्राथमिकता देते हैं।
- सहवाग का शुरुआती आक्रमण मैच की दिशा तय करता था।
- सचिन का अनुभव टीम को संकट से निकालता था।
- गांगुली ने भारतीय क्रिकेट में आक्रामक सोच की नींव रखी।
यह सभी तत्व एक कप्तान की नजर में बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। शायद यही वजह रही हो कि धोनी ने इन तीन खिलाड़ियों को चुना।
विराट कोहली और धोनी का रिश्ता: अब भी गहराई में है सम्मान
धोनी और विराट के रिश्ते को लेकर तमाम कयास लगाए जाते रहे हैं, लेकिन विराट ने कई बार सार्वजनिक रूप से धोनी का समर्थन किया है। उन्होंने एक बार कहा था:
“जब पूरी दुनिया मेरे खिलाफ थी, सिर्फ माही भाई ने मुझे मैसेज किया।”
इस बयान से स्पष्ट है कि विराट के दिल में धोनी के लिए कितना सम्मान है। वहीं धोनी ने भी कई बार विराट की फिटनेस, प्रतिबद्धता और बल्लेबाजी की प्रशंसा की है।
निष्कर्ष: विराट का नाम ना लेना, एक निजी पसंद – न कि अस्वीकार्यता
इस पूरे घटनाक्रम को अगर निष्पक्षता से देखा जाए, तो यह स्पष्ट होता है कि धोनी ने अपनी व्यक्तिगत पसंद के आधार पर जवाब दिया। इसका यह मतलब नहीं कि वो विराट कोहली को महान नहीं मानते।
यह सिर्फ एक पसंदीदा खिलाड़ियों की सूची थी, जिसमें जगह सीमित थी। और माही जैसे रणनीतिक कप्तान ने उन खिलाड़ियों को चुना जिनसे उन्होंने शायद व्यक्तिगत और मानसिक तौर पर गहराई से सीखा हो।
धोनी का हर निर्णय मैदान पर हो या माइक के सामने – हमेशा चर्चा में रहता है, और यही उन्हें खास बनाता है।