फिल्म ‘इमरजेंसी’ को दर्शकों का मिला प्यार
बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘इमरजेंसी’ 17 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। हालांकि, यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई और महज 22 करोड़ रुपए की कमाई कर सिमट गई। लेकिन, फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज किए जाने के बाद इसे दर्शकों से शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है। कई लोगों का मानना है कि फिल्म इतनी बेहतरीन है कि इसे ऑस्कर अवॉर्ड के लिए भेजा जाना चाहिए।
ऑस्कर को ‘मूर्खों का अवॉर्ड’ क्यों कहा कंगना ने?
कंगना रनोट ने फिल्म ‘इमरजेंसी’ को मिल रही तारीफों के स्क्रीनशॉट अपने इंस्टाग्राम स्टोरी सेक्शन में साझा किए हैं। एक यूजर ने लिखा, “इमरजेंसी को भारत की तरफ से ऑस्कर भेजा जाना चाहिए। क्या फिल्म है, टीम कंगना!”
इसके जवाब में कंगना ने लिखा, “लेकिन अमेरिका अपना असली चेहरा नहीं देखना चाहेगा। कैसे वो विकासशील देशों को धमकाता है, दबाता है और उन पर दबाव डालता है। यह सब ‘इमरजेंसी’ से सामने आ चुका है। वो मूर्खों वाला ऑस्कर अवॉर्ड अपने पास रखें। हमारे पास नेशनल अवॉर्ड है।”

संजय गुप्ता ने की ‘इमरजेंसी’ की तारीफ
फिल्ममेकर संजय गुप्ता ने भी फिल्म की सराहना की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा,
“आज मैंने कंगना रनोट की ‘इमरजेंसी’ देखी। सच कहूं तो मेरा इसे देखने का कोई प्लान नहीं था, क्योंकि मैंने पहले से ही इसका अनुमान लगा लिया था। लेकिन मुझे बहुत खुशी है कि मैं गलत था। कंगना की एक्टिंग और डायरेक्शन दोनों ही वर्ल्ड क्लास हैं।”
इसके जवाब में कंगना ने लिखा, “फिल्म इंडस्ट्री को नफरत से ऊपर उठकर अच्छे काम को सराहना चाहिए। यह बैरियर तोड़ने के लिए शुक्रिया संजय जी।”
‘इमरजेंसी’ की कहानी और विषयवस्तु
फिल्म ‘इमरजेंसी’ भारतीय राजनीति के सबसे विवादास्पद दौर 1975 की राष्ट्रीय आपातकाल (Emergency) पर आधारित है। इसमें कंगना रनोट ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है।
फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू किया, जिसके बाद नागरिक अधिकारों का हनन हुआ और कई राजनेताओं को जेल में डाल दिया गया। फिल्म में अनुपम खेर, श्रेयस तलपड़े, महिमा चौधरी और मिलिंद सोमन जैसे कलाकार अहम भूमिकाओं में नजर आते हैं।
नेटफ्लिक्स पर शानदार रिस्पॉन्स
भले ही फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई, लेकिन नेटफ्लिक्स पर यह धमाल मचा रही है। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज के बाद इसे न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी खूब सराहा जा रहा है।
नेटफ्लिक्स इंडिया के टॉप 10 चार्ट में शामिल होने के बाद कई फिल्म समीक्षकों ने भी फिल्म की तारीफ की है। दर्शकों ने इसके डायरेक्शन, सिनेमैटोग्राफी, म्यूजिक और कलाकारों के अभिनय को बेहतरीन बताया है।

कंगना रनोट बनाम बॉलीवुड – फिर उठे सवाल
कंगना रनोट का बॉलीवुड से पुराना टकराव किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने कई बार बॉलीवुड में नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) और पक्षपात को लेकर खुलकर बयान दिए हैं। उन्होंने अपने हालिया पोस्ट में फिर से फिल्म इंडस्ट्री को नसीहत देते हुए लिखा,
“फिल्म इंडस्ट्री के लोगों के लिए मेरा संदेश है कि मेरे बारे में कोई धारणा मत बनाइए। मुझे समझने की कोशिश भी मत करना, मैं समझ से बाहर हूं।”
क्या ‘इमरजेंसी’ को ऑस्कर मिल सकता है?
हालांकि, यह कहना मुश्किल है कि ‘इमरजेंसी’ को ऑस्कर के लिए भेजा जाएगा या नहीं, लेकिन यह स्पष्ट है कि फिल्म ने कई लोगों को प्रभावित किया है।
भारतीय फिल्मों के लिए ऑस्कर हमेशा से ही एक चुनौतीपूर्ण सफर रहा है। अब तक भारत की केवल तीन फिल्मों – मदर इंडिया (1957), सलाम बॉम्बे (1988) और लगान (2001) को बेस्ट फॉरेन फिल्म कैटेगरी में नॉमिनेशन मिला है।
हालांकि, कंगना रनोट का मानना है कि राष्ट्रीय पुरस्कार (National Awards) ही भारत के लिए सबसे बड़ा सम्मान है। उनका कहना है कि पश्चिमी अवॉर्ड शो के पीछे भागने की बजाय हमें अपने देश के पुरस्कारों को महत्व देना चाहिए।
निष्कर्ष
फिल्म ‘इमरजेंसी’ ने भले ही बॉक्स ऑफिस पर खास प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन नेटफ्लिक्स पर इसे बेहतरीन रिस्पॉन्स मिल रहा है। कंगना रनोट ने एक बार फिर दिखा दिया कि वे चुनौतीपूर्ण किरदार निभाने और सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर खुलकर बोलने से पीछे नहीं हटतीं।
कंगना के ऑस्कर पर दिए गए बयान ने नया विवाद जरूर खड़ा किया है, लेकिन इससे यह भी साबित होता है कि वे किसी के सामने झुकने को तैयार नहीं हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि फिल्म को भविष्य में और कितनी सराहना मिलती है।