F-35 फाइटर जेट: गेम चेंजर या महंगा सौदा? अमेरिकी विमान को लेकर भारत की दुविधा क्यों?
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नई दिल्ली: 14 फरवरी को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक चौंकाने वाली घोषणा की। उन्होंने कहा, “हम आखिरकार भारत के लिए F-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने का रास्ता खोल रहे हैं।” यह बयान भारत के रणनीतिक और रक्षा समुदाय के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकता है। यदि यह सौदा आगे बढ़ता है, तो भारतीय वायु सेना अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और इज़राइल जैसे स्टील्थ तकनीक से लैस देशों की श्रेणी में शामिल हो सकती है। फिलहाल, भारत के पास कोई स्टील्थ लड़ाकू विमान नहीं है, जबकि चीन पहले ही अपने J-20 को तैनात कर चुका है और छठी पीढ़ी के J-36 लड़ाकू जेट पर काम कर रहा है।
डील का क्या होगा असर?
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लेकिन यह सिर्फ एक सैन्य सौदा नहीं है। F-35 को अपनाने के पीछे गंभीर भू-राजनीतिक और आर्थिक पहलू जुड़े हुए हैं। क्या यह निर्णय भारत को अमेरिका के प्रभाव क्षेत्र में और गहराई तक धकेल देगा? क्या इससे रूस के साथ उसके दशकों पुराने रणनीतिक संबंध प्रभावित होंगे? साथ ही, क्या यह भारत के स्वदेशी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) स्टील्थ जेट परियोजना में देरी करेगा, जिससे रक्षा आत्मनिर्भरता पर असर पड़ेगा? और सबसे अहम सवाल—क्या भारत 8 से 10 करोड़ डॉलर प्रति जेट की भारी लागत वहन करने में सक्षम होगा?
F-35 की अहमियत क्यों है?
F-35 लाइटनिंग II को दुनिया का सबसे उन्नत लड़ाकू विमान माना जाता है। यह F-22 रैप्टर के बाद दूसरा सबसे महंगा स्टील्थ फाइटर जेट है। रैप्टर, जो अमेरिकी निर्मित स्टील्थ विमान है, अंतरराष्ट्रीय बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है। अमेरिकी रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित F-35 एक सिंगल-सीट, सिंगल-इंजन, सुपरसोनिक और हर मौसम में संचालन करने वाला स्टील्थ लड़ाकू विमान है।
यह विमान तीन वेरिएंट में उपलब्ध है—F-35A (पारंपरिक टेक-ऑफ और लैंडिंग, जिसे अमेरिकी वायु सेना इस्तेमाल करती है), F-35B (शॉर्ट टेक-ऑफ और वर्टिकल लैंडिंग, जिसे अमेरिकी मरीन कॉर्प्स उपयोग करता है) और F-35C (कैरियर-बोर्न संस्करण, जिसे अमेरिकी नौसेना के लिए डिजाइन किया गया है)।
F-35 की विशेषताएँ क्या हैं?
निर्माता के अनुसार, “F-35 एक शक्तिशाली फोर्स मल्टीप्लायर है, जो एडवांस सेंसर और कम्युनिकेशन सूट से लैस है। यह युद्ध क्षेत्र में ऊंचाई से काम करते हुए हवाई, समुद्री, अंतरिक्ष, सतह और जमीनी प्लेटफार्मों की क्षमताओं को काफी बढ़ाता है।” कंपनी के मुताबिक, अब तक 20 वैश्विक ग्राहक F-35 को चुन चुके हैं। वर्तमान में दुनिया भर में 1,000 से अधिक F-35 विमान सक्रिय हैं, जिन्होंने कुल 9,40,000 से अधिक उड़ान घंटे पूरे कर लिए हैं।