कश्मीर के सहायक प्रशिक्षण केंद्र (एसटीसी) में 629 सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के रंगरूटों के लिए एक भव्य पासिंग-आउट परेड और सत्यापन समारोह आयोजित किया गया, जिसमें उन्हें सामान्य दायित्व में सीमा प्रहरी (सीमा रक्षक) के रूप में बीएसएफ में शामिल किया गया।
भारत भर के आठ राज्यों से आए रंगरूटों ने सीमा सुरक्षा और कानून प्रवर्तन की चुनौतियों के लिए उन्हें तैयार करने के लिए डिज़ाइन किए गए 44-सप्ताह के गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम को पूरा किया। कठोर प्रशिक्षण में हथियारों से निपटने, फायरिंग कौशल, सीमा प्रशासन, शारीरिक सहनशक्ति, फील्डक्राफ्ट, आतंकवाद, विद्रोह, कानून और व्यवस्था और मानवाधिकारों को शामिल किया गया।
मुख्य अतिथि, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने परेड का निरीक्षण किया और रंगरूटों को उनके आत्मविश्वास, क्षमता और समन्वय के प्रदर्शन के लिए परामर्श दिया। अपने संबोधन में उन्होंने उन्हें साहस और समर्पण के साथ देश की सेवा करने के लिए प्रेरित किया। उपराज्यपाल ने उत्कृष्ट रंगरूटों को पदक प्रदान किए तथा रंगरूटों को प्रशिक्षित करने में उनके समर्पित प्रयासों के लिए इंस्पेक्टर जनरल अशोक यादव, एसटीसी/एफटीआर मुख्यालय बीएसएफ कश्मीर तथा शैक्षणिक समूहों को बधाई दी। प्रत्येक बैच के पांच प्रशिक्षुओं को विशिष्ट प्रदर्शन के लिए ट्रॉफी भी प्रदान की गई।
समारोह में शामिल हुए इंस्पेक्टर जनरल अशोक यादव ने नए रंगरूटों को बधाई दी तथा उनके भविष्य के कार्यभार में सफलता की कामना की। उपराज्यपाल सिन्हा ने राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में बीएसएफ की महत्वपूर्ण भूमिका की भी प्रशंसा की।
नए रंगरूटों ने सुरक्षा बलों में शामिल होने पर प्रसन्नता व्यक्त की तथा राष्ट्र की सुरक्षा के लिए समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करने का संकल्प लिया।