पीएम मोदी ने ‘SOUL लीडरशिप कॉन्क्लेव’ का उद्घाटन किया: युवाओं को लीडरशिप के लिए किया प्रेरित
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में ‘SOUL लीडरशिप कॉन्क्लेव’ का उद्घाटन किया। इस खास मौके पर भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे और उद्योग जगत के दिग्गज भी मौजूद थे। पीएम मोदी ने इस कॉन्क्लेव को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि भारत के विकास के लिए बेहतर नागरिकों और मजबूत नेतृत्व की जरूरत है।
भारत को हर क्षेत्र में लीडर्स की जरूरत
पीएम मोदी ने कहा कि देश को सिर्फ राजनीतिक नेतृत्व नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में बेहतरीन लीडर्स की जरूरत है। ‘स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप’ (SOUL) इसी मकसद से बनाया गया है, ताकि 21वीं सदी के लिए मजबूत नेतृत्व तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और इस गति को बनाए रखने के लिए नए विजन और सोच वाले नेताओं की जरूरत है।
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स्वामी विवेकानंद का जिक्र
अपने भाषण में पीएम मोदी ने स्वामी विवेकानंद के विचारों को याद करते हुए कहा कि अगर 100 ऊर्जावान युवा मिल जाएं, तो वे भारत को बदल सकते हैं। इसी भावना के साथ, ‘SOUL’ जैसे संस्थान युवाओं को लीडरशिप के लिए तैयार करेंगे, ताकि वे सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में अपनी पहचान बना सकें।
गुजरात का उदाहरण दिया
पीएम मोदी ने गुजरात का उदाहरण देते हुए बताया कि जब महाराष्ट्र और गुजरात अलग हुए थे, तब लोग कहते थे कि गुजरात के पास कोई प्राकृतिक संसाधन नहीं हैं, लेकिन सही नेतृत्व ने इसे विकास के शिखर तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि असली ताकत संसाधनों में नहीं, बल्कि मानव संसाधन और नेतृत्व क्षमता में होती है।
इनोवेशन और स्किल्स जरूरी
पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि 21वीं सदी में लीडरशिप का मतलब सिर्फ पावर तक सीमित नहीं रहेगा। अब लीडर वही होगा, जो इनोवेशन कर सके, जोखिम उठा सके और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाल सके। ‘SOUL’ ऐसे ही लीडर्स को तैयार करने में अहम भूमिका निभाएगा।
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हर सेक्टर में ग्लोबल लीडर्स की जरूरत
उन्होंने कहा कि भारत को टेक्नोलॉजी, बिजनेस, साइंस, शिक्षा, खेल, गवर्नेंस और हर क्षेत्र में वर्ल्ड क्लास लीडर्स चाहिए। इस संस्थान से निकले युवा भारत को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि देश को ऐसे लीडर्स चाहिए, जो लोकल सोच को ग्लोबल अप्रोच के साथ जोड़ सकें।
साझा उद्देश्य से मिलती है सफलता
पीएम मोदी ने कहा कि जब कोई टीम साझा उद्देश्य के साथ काम करती है, तो सफलता निश्चित होती है। उन्होंने आजादी के आंदोलन का उदाहरण देते हुए कहा कि उसी जुनून और भावना के साथ हमें भारत को विकसित राष्ट्र बनाना होगा।
नेतृत्व विकास की बड़ी जिम्मेदारी
अपने संबोधन के अंत में पीएम मोदी ने कहा कि ‘SOUL’ संस्थान को युवाओं को इस तरह तैयार करना है कि वे न सिर्फ अच्छे लीडर बनें, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी रास्ता तैयार करें। उन्होंने युवाओं को शुभकामनाएं दीं और विश्वास जताया कि यह संस्थान भारत के भविष्य को नई दिशा देने में अहम भूमिका निभाएगा।